योनिव्यापद
योनिव्यापद वर्णन चरक संहिता के चिकित्सा स्थान ३० में किया गया हैं, सुश्रुत संहिता एवं अष्टांग संग्रह के उत्तरतंत्र के ३८ में किया गया हैं, अष्टांग हृदय के उत्तरतंत्र के ३३ में किया गया हैं। योनिव्यापद की संख्या : सभी आचार्यों ने योनिव्यपद की संख्या २० मानी हैं। १. चरक…