Loading

#Dravyaguna

विशिष्ट कर्म ( परिभाषा )

कर्म : संयोग च विभाग च कारणं द्रव्यमाश्रितम्।कर्तव्यस्य क्रिया कर्म कर्म नान्दयपेक्षते।। आचार्य चरक के अनुसार जो संयोग और विभाग में अर्थात शरीर मे परिवर्तन में कारण हो , द्रव्य में आश्रित हो और कर्तव्यों के लिए होने वाली क्रिया को कर्म कहा जाता है। कर्म किसी अन्य कर्म की…
Read More

औषध संग्रह काल एवं संरक्षण

औषध संग्रह काल : १. प्रयोज्यांग के अनुसार औषधियों का संग्रह – (a) आचार्य चरकानुसार, औषधियों का संग्रह– Trick – ” MSMS”(M – मूल, S – शाखा पत्र ) शिशिर ऋतु – इस ऋतु में मूल का संग्रहण करना चाहिए वसंत ऋतु – इस ऋतु में शाखा पत्र का संग्रहण…
Read More
MedxLife

निघण्टु (Tricks)

निघण्टु शब्द निगमनात् निगन्तव:इति औषमान्यव से बना है। निगमनात् शब्द ज्ञान करने के अर्थ में उपयोग किया गया है। निगम ( निश्चित रूप से ज्ञान ) नि उपसर्ग और गम धातु से बना है जिसमे दोनो पदों का स्पष्ट रूप से वर्णन किया गया है। निगम प्रत्यक्ष पद वृत्ति है।…
Read More

Important points for DG – II

सूतिकादशमूल – लघुपंचमुल, सहचर, प्रसारणी, गुडूची, विश्वा, मुस्तक (लघुपंचमुल में आने वाले द्रव्य – शालपर्णी, पृष्नपर्णी, बड़ी कटेरी, छोटी कटेरी, गोक्षुर ) वरी – वरी शब्द शतावरी के लिए प्रयोग होता है। वरा – वरा शब्द त्रिफला (हरितकी, आमलकी, विभितकी) के लिए प्रयोग होता है। वर – वर शब्द कुंकुम…
Read More
MedxLife

मिश्रक वर्गीकरण (Tricks)

• बृहतपंचमूल– Trick- "BTPTG" Meaning– बिल्व, तरकारी, पाटला, टिंटुक, गंभारी • लघुपंचमूल – Trick- "SPBCG" Meaning- शालपर्णी, पृष्णपर्णी, बड़ी कटेरी, छोटी कटेरी, गोक्षुर • कंटकपंचमूल – Trick- "हस कार गोश" Meaning- हिंस्त्रा, करमर्द, गोक्षुर, शतावरी, सैरेयक • वल्लीपंचमूल – Trick- "VA HAGU" Meaning- विदारी, अनंतमूल, हरिद्रा, अजश्रृंगी, गुडूची • तृणपंचमूल…
Read More
0
Shopping Cart (0 items)
Home
Shop
Appointment
Login