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#Ayurveda

marma

मर्म

• “मर्म मारयन्ति इति मर्माणि।” (डल्हण) मर्म वह होता है जिस पर आघात लगने से मृत्यु हो जाती है। • “अग्नि: सोमोवायु: सत्वं रजस्तम: पंचेन्द्रियाणि भुतात्मेति प्राणा:।।” (सुश्रुत) अग्नि, सोम, वायु, सत्व, रज, तम, पंच इन्द्रियाँ और भूतात्मा इन बारह को प्राण की संज्ञा दी गयी है। ये प्राण का…
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बन्ध का नाम (Tricks)

Trick- कसम से चीन का दाम अनुराधा को खट्टा लगा, विवाह स्थगित हुआ, विमान में उड़कर गौ यमक मण्डल गई पंचायत में Meaning- क – कोश बन्ध (Sheath bandage) स – स्वस्तिक बन्ध (Figure of eight spiral bandage) म – मुत्तोली बन्ध (Recurrent bandage) चीन – चीन बन्ध (Eye bandage)…
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निघण्टु (Tricks)

निघण्टु शब्द निगमनात् निगन्तव:इति औषमान्यव से बना है। निगमनात् शब्द ज्ञान करने के अर्थ में उपयोग किया गया है। निगम ( निश्चित रूप से ज्ञान ) नि उपसर्ग और गम धातु से बना है जिसमे दोनो पदों का स्पष्ट रूप से वर्णन किया गया है। निगम प्रत्यक्ष पद वृत्ति है।…
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benefits of ayurveda

BENEFITS OF AYURVEDA

Ayurveda is praised by the Sages and Acharyas as the knowledge that is Virtuous. It is useful and beneficial for this world and the next. Why as it considered so? This is because of the following reasons: The objects of Ayurveda are: • Dharma • Karma • Artha • Moksha…
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Important points for DG – II

सूतिकादशमूल – लघुपंचमुल, सहचर, प्रसारणी, गुडूची, विश्वा, मुस्तक (लघुपंचमुल में आने वाले द्रव्य – शालपर्णी, पृष्नपर्णी, बड़ी कटेरी, छोटी कटेरी, गोक्षुर ) वरी – वरी शब्द शतावरी के लिए प्रयोग होता है। वरा – वरा शब्द त्रिफला (हरितकी, आमलकी, विभितकी) के लिए प्रयोग होता है। वर – वर शब्द कुंकुम…
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पारद (Tricks)

• सप्त कंचुक – औपाधिक दोष को ही कंचुक दोष की संज्ञा दी जाती है, कंचुक से तात्पर्य है सर्प की केचुली के आकृति के समान पतली परत का आवरण पारद के ऊपर प्रतीत होता है, यह आवरण पारद की ऊपरी सतह को आवृत किए रहता है । इस आवरण…
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उपरस- शोधन, मारण एवं मात्रा [Video]

रसरत्नसमुच्य के अनुसार गंधक, गैरिक, कासीस, फिटकिरी, हरताल, मन: शिला, अंजन और कंकुष्ठ इन आठ द्रव्यों को उपरस की संज्ञा दी हैं । परंतु रसार्णव ने गंधक, गैरिक, कासीस, फिटकिरी, हरताल, मन: शिला, राजावर्त और कंकुष्ठ को उपरस की संज्ञा दी हैं । रसहृदयतंत्र में गंधक, गैरिक, कासीस, स्फटिका, तालक,…
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रत्न

रत्न (शोधन, मारण, मात्रा) [Video]

रत्नों का सामान्य शोधन:जयन्ती स्वरस/ कुमारी स्वरस/ अम्ल द्रव्य/ तण्डुलीय स्वरस/ क्षार द्रव्य/ गोमूत्र इनमे से किसी 1 स्वरस में दोलायंत्र विधि से 3 घंटे तक स्वेदन या प्रतप्त कर 7 बार बुझा लेने से रत्नों का सामान्य शोधन हो जाता हैं। रत्नों का सामान्य मारण:रत्न के साथ शुद्ध गंधक,…
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Brief Introduction to Ayurveda

Ayurveda – The wisdom of life is found in the knowledge it contains. Ayurveda is not only a science that treat disease, but it is a way of living. What is ayurveda?? Ayurveda is formed by two shabda(sounds); Ayu which means life and Veda which means knowledge. For a simple…
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विपाक-वीर्य-गुण-रस याद करने की Trick

सर्वप्रथम विपाक और वीर्य के अनुसार 4 वर्ग बनाते हैं जो इस प्रकार वर्णित हैं: १. मधुर विपाक, शीत वीर्य२. कटु विपाक, शीत वीर्य३. मधुर विपाक, उष्ण वीर्य४. कटु विपाक, उष्ण वीर्य अब इन वर्गों में आने वाले द्रव्यों का उल्लेख किया जाएगा (with tricks) : १. विपाक – मधुर…
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