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Ayurveda Topics

Important points for DG – II

सूतिकादशमूल – लघुपंचमुल, सहचर, प्रसारणी, गुडूची, विश्वा, मुस्तक (लघुपंचमुल में आने वाले द्रव्य – शालपर्णी, पृष्नपर्णी, बड़ी कटेरी, छोटी कटेरी, गोक्षुर ) वरी – वरी शब्द शतावरी के लिए प्रयोग होता है। वरा – वरा शब्द त्रिफला (हरितकी, आमलकी, विभितकी) के लिए प्रयोग होता है। वर – वर शब्द कुंकुम…
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पारद (Tricks)

• सप्त कंचुक – औपाधिक दोष को ही कंचुक दोष की संज्ञा दी जाती है, कंचुक से तात्पर्य है सर्प की केचुली के आकृति के समान पतली परत का आवरण पारद के ऊपर प्रतीत होता है, यह आवरण पारद की ऊपरी सतह को आवृत किए रहता है । इस आवरण…
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उपरस- शोधन, मारण एवं मात्रा [Video]

रसरत्नसमुच्य के अनुसार गंधक, गैरिक, कासीस, फिटकिरी, हरताल, मन: शिला, अंजन और कंकुष्ठ इन आठ द्रव्यों को उपरस की संज्ञा दी हैं । परंतु रसार्णव ने गंधक, गैरिक, कासीस, फिटकिरी, हरताल, मन: शिला, राजावर्त और कंकुष्ठ को उपरस की संज्ञा दी हैं । रसहृदयतंत्र में गंधक, गैरिक, कासीस, स्फटिका, तालक,…
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रत्न

रत्न (शोधन, मारण, मात्रा) [Video]

रत्नों का सामान्य शोधन:जयन्ती स्वरस/ कुमारी स्वरस/ अम्ल द्रव्य/ तण्डुलीय स्वरस/ क्षार द्रव्य/ गोमूत्र इनमे से किसी 1 स्वरस में दोलायंत्र विधि से 3 घंटे तक स्वेदन या प्रतप्त कर 7 बार बुझा लेने से रत्नों का सामान्य शोधन हो जाता हैं। रत्नों का सामान्य मारण:रत्न के साथ शुद्ध गंधक,…
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Brief Introduction to Ayurveda

Ayurveda – The wisdom of life is found in the knowledge it contains. Ayurveda is not only a science that treat disease, but it is a way of living. What is ayurveda?? Ayurveda is formed by two shabda(sounds); Ayu which means life and Veda which means knowledge. For a simple…
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विपाक-वीर्य-गुण-रस याद करने की Trick

सर्वप्रथम विपाक और वीर्य के अनुसार 4 वर्ग बनाते हैं जो इस प्रकार वर्णित हैं: १. मधुर विपाक, शीत वीर्य२. कटु विपाक, शीत वीर्य३. मधुर विपाक, उष्ण वीर्य४. कटु विपाक, उष्ण वीर्य अब इन वर्गों में आने वाले द्रव्यों का उल्लेख किया जाएगा (with tricks) : १. विपाक – मधुर…
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संधान एवं स्नेह कल्पना (Tricks)

• ब्राह्मी घृत – Trick – "गाय को ब्रह्मा जी के शंख कुष्ठ से बचाओ" घटक – गोघृत (१ प्रस्थ), ब्राह्मी स्वरस (२ प्रस्थ), ब्राह्मी कल्क (१ तोला), शंखपुष्पी (१ तोला), कुष्ठ (१ तोला), वचा (१ तोला) • नारायण तैल – Tricks – "अश्व कुत्ती का गोश" घटक – अश्वगंधादि…
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मिश्रक वर्गीकरण (Tricks)

• बृहतपंचमूल– Trick- "BTPTG" Meaning– बिल्व, तरकारी, पाटला, टिंटुक, गंभारी • लघुपंचमूल – Trick- "SPBCG" Meaning- शालपर्णी, पृष्णपर्णी, बड़ी कटेरी, छोटी कटेरी, गोक्षुर • कंटकपंचमूल – Trick- "हस कार गोश" Meaning- हिंस्त्रा, करमर्द, गोक्षुर, शतावरी, सैरेयक • वल्लीपंचमूल – Trick- "VA HAGU" Meaning- विदारी, अनंतमूल, हरिद्रा, अजश्रृंगी, गुडूची • तृणपंचमूल…
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Fever (ज्वर)

ज्वर का उल्लेख चरक संहिता के निदान स्थान के प्रथम अध्याय में तो किया ही है साथ ही अन्य जगह पर भी वर्णन किया गया है जैसे, •चरक संहिता के चिकित्सा स्थान, अध्याय ३• सुश्रुत संहिता के उत्तर तन्त्र, अध्याय ३९• अष्टांगहृदय के निदान स्थान , अध्याय २• माधव निदान…
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भैषज्यकल्पना के योग (Tricks)

• वासावलेह – Trick- "बस पिप्पली को घृत मधु दो" घटक – वासा, शर्करा, पिप्पली, घृत, मधु •च्यवनप्राशावलेह – Trick – "पुष्कर वंश के मस्त गुरु का बल जो उनमे वास करता था वह उनसे विदा होने लगा,उनके - •बाल लाल हो गए •चहरे पर छोटे दाग उठने लगे•आवाज कौए…
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