सर्वप्रथम विपाक और वीर्य के अनुसार 4 वर्ग बनाते हैं जो इस प्रकार वर्णित हैं:

१. मधुर विपाक, शीत वीर्य
२. कटु विपाक, शीत वीर्य
३. मधुर विपाक, उष्ण वीर्य
४. कटु विपाक, उष्ण वीर्य

अब इन वर्गों में आने वाले द्रव्यों का उल्लेख किया जाएगा (with tricks) :

१. विपाक – मधुर विपाक
वीर्य – शीत वीर्य
गुण – गुरु, स्निग्ध
रस – मधुर (mostly)
दोष कर्म – वातपित्त शामक (mostly)

इस वर्गीकरण में शामिल होने वाले द्रव्य निम्नलिखित हैं:

Trick:
यहाँ वहाँ सार सत्व और गो
+ मण्डूकपर्णी
+ शंखपुष्पी
+ दूर्वा
+ बला
+ छोटी एला
+ शाल्मली ( काण्ड निर्यास – मोचरस : कटु विपाक, शीत वीर्य, कषाय रस, लघु, स्निग्ध)
• यहाँ – यष्टिमधु
• वहाँ – विदारी
• सार – सारिवा
• सत्व – शतावरी
• और – आरग्वध
• गो – गोक्षुर

२. विपाक – कटु विपाक
वीर्य – शीत वीर्य
गुण – लघु, रुक्ष
रस – कटु, तिक्त (mostly), कषाय
दोष कर्म – कफपित्त शामक

इस वर्गीकरण में शामिल होने वाले द्रव्य निम्नलिखित हैं:

अब श्वेता जट रक्त धोकर मूली पारो से कह कर उव गई
+ खदिर
+ निम्ब
+ कुमारी

• अब – अ : अर्जुन, अशोक
ब : बीजक, ब्राह्मी
• श्वेता – श्वेत चंदन
• जट – जटामांसी, जम्बू
• रक्त – रक्त चंदन
• धोकर – धातकी
• मूली – मू : मुस्ता
ली : लवंग, लोध्र
• पारो – पा : पर्पट, पाषाणभेद
रो : रोहितक
• से – शल्लकी
• कह – कटुकी, कुटज, कंचनार
• कर – कर्पूर
• उव – उ : उशीर
व : वासा
• गई – ×

३. विपाक – मधुर विपाक
वीर्य – उष्ण वीर्य
गुण – लघु, स्निग्ध
रस – कटु, तिक्त, कषाय
दोष कर्म – कफवात शामक

इस वर्गीकरण में शामिल द्रव्य निम्नलिखित हैं:

Trick:
पीले अश्व का बल से वध
+ शालपर्णी
+ गुडूची
+ तिल
+ एरण्ड
+ शुण्ठी

• पीले – पिप्पली, पृश्नपर्णी, पुनर्नवा
• अश्व – अश्वगंधा
• का – कपिच्छुक
• बल – भल्लातक
• से – ×
• वध – वत्सनाभ

४. विपाक – कटु विपाक
वीर्य – उष्ण वीर्य
गुण – लघु, रुक्ष
रस – कटु, तिक्त, कषाय
दोष कर्म – कफवात शामक

इस वर्गीकरण में ऊपर वर्णित वर्गीकरण में आये हुए द्रव्यों को छोड़कर अन्य द्रव्य शामिल किए जाते हैं।



त्रिदोष शामक द्रव्य:
• त्रिफला
• मधुर दाडिम
• सुक्ष्म एला
• गंभारी
• गुडूची
• जटामांसी
• कर्पूर
• किरतिक्त
• अतीविषा
• हरिद्रा
• कुंकुम
• पाषाणभेद
• पाटला
• पृश्नपर्णी
• पुनर्नवा
• श्वेत सारिवा
• शालपर्णी
• शिरीष
• वाराहीकन्द
• वत्सनाभ


पांच रस वाले औषध द्रव्य:
1. आमलकी – लवण रहित पंचरस (अम्ल प्रधान)
2. हरीतकी – लवण रहित पंचरस (कषाय प्रधान)
3. रसोन – अम्ल रहित पंचरस (कटु प्रधान)

Contributor- Medico Eshika Keshari

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