• “मर्म मारयन्ति इति मर्माणि।” (डल्हण)

मर्म वह होता है जिस पर आघात लगने से मृत्यु हो जाती है।

• “अग्नि: सोमोवायु: सत्वं रजस्तम: पंचेन्द्रियाणि भुतात्मेति प्राणा:।।” (सुश्रुत)

अग्नि, सोम, वायु, सत्व, रज, तम, पंच इन्द्रियाँ और भूतात्मा इन बारह को प्राण की संज्ञा दी गयी है। ये प्राण का स्थान मर्म को कहा जाता है।
Marma is a vital part of human body.

मर्म की संख्या :
मर्म की कुल संख्या १०७ बताई गई है जबकि मुख्य मर्म संख्या में ३ है।

मर्म का वर्गीकरण :

१) रचना के अनुसार : कुल मर्म – १०७
आचार्य सुश्रुत के अनुसार –
1. मांस मर्म – ११
2. सिर मर्म – ४१
3. स्नायु मर्म – २७
4. अस्थि मर्म – ८
5. सन्धि मर्म – २०

२) षडंगो के अनुसार : कुल मर्म – १०७
1. शाखाओ में – ११ × ४ = ४४
2. मध्य शरीर में – १२ + १४ = २६
3. शिर और ग्रीवा में – ३७

३) परिणाम या साध्य असध्यता के अनुसार : कुल मर्म – १०७
1. सद्य: प्राणहर मर्म – १९ ( तत्काल या तुरंत मृत्यु )
2. कालान्तर प्रणाहर मर्म – ३३ ( 2-4 सप्ताह में मृत्यु )
3. विशल्यघ्न मर्म – ३ ( शल्य मिकलते ही मृत्यु )
4. वैकल्यकर मर्म – ४४ ( विकृति उत्पन्न होती है )
5. रुजाकर मर्म – ८ ( पीड़ा लगातार होती रहती है )

४) परिमाण के अनुसार : कुल मर्म – १०७
1. आधा अंगुल प्रमाण
2. एक अंगुल प्रमाण
3. द्वि अंगुल प्रमाण
4. त्रिअंगुल प्रमाण
5. चतुरंगुल प्रमाण

रचना के अनुसार १०७ मर्म याद करने की trick :

1.मांस मर्म की trick –
(सुश्रुत – ११ , वाग्भट – १०)

"रोहित के गुद के तल में इह बस्ति का मांस है"

Meaning

रोहित – स्तनरोहित (२)
गुद – गुद (१)
तल – तलहृदय (४)
इह बस्ति – इन्द्रबस्ति (४)

2. सिरा मर्म की trick –

"शेर की माता में 1 हृदय नाभि में स्थापित करने के लिए उर्वसी को 4 bottle लोहित की श्रृंग से पिला दो"

"बड़ी नीली धमनी को फण सहित 3 cm अप करे"

Meaning

शेर – सिरा
माता – मातृका (८)
हृदय – हृदय (१)
नाभि – नाभि (१)
स्थापित – स्थपनी (१)
स्तनमूल – स्तानमूल (२)
पार्श्व में स्थित – पार्श्व सन्धि (२)
बड़ी – बृहति (२)
नीला – नीला (२)
धमनी – धमनी (२)
फण – फण (२)
3 cm अप – अपलाप (२), अपस्तम्भ (२), अपांग (२)
उर्वसी – उर्वी (४)
लोहित – लोहिताक्ष (४)
श्रृंग – श्रृंगाटक (४)

3. स्नायु मर्म की trick –

"सन (son) की एक बस्ति में 2 विधुर की बेटी ने कक्षा में अंशिक आक्षेप (उत्क्षेप) करने के लिए 4 आणे छिपकर दिए व दोषी का सिर कूर्च कूर्च करवा दिया"


•विधुर का मतलब - husband जिसकी पत्नी की मृत्यु हो गयी हो।
•अंशिक आक्षेप का मतलब - शोषण करना
•4 आणे छिपकर दिए का मतलब - लड़के को मारने के लिए (पैसों) सुपारी दी ।

Meaning

स्न की – स्नायु
एक बस्ति – बस्ति (१)
2 विधुर – विधुर (२)
कक्षा – कक्षधर (२)
अंशिक – अंस (२), अंशफलक – अस्थि मर्म
आक्षेप – उत्क्षेप (२)
आणे – आणि (४)
छिपकर – क्षिप्र (४)
सिर कूर्च – कूर्च सिर (४)
कूर्च – कूर्च (४)

4. अस्थि मर्म की trick –

"आस्था के लिए निम्ब का फल अंशिक रूप से नहीं कटा तो शंख बजेगा"

Meaning-

आस्था – अस्थि मर्म
निम्ब – नितम्ब (२)
फलअंशिक – अंसफलक (२)
कटा – कटिकतरुण (२)
शंख – शंख (२)

5. सन्धि मर्म की trick –

"सन्धि के समय कपूर की जानु के पति ने, कु कु करके सीमा के गुल्फ पर आर्तव में टिका लगाकर मणि बांध दी"

Meaning

सन्धि – सन्धि मर्म
कपूर – कर्पूर (२)
जानु – जानु (२)
पति – अधिपति (१)
कु कु – कुकुन्दर (२)
सीमा – सीमान्त (५)
गुल्फ – गुल्फ (२)
आवर्त – आवर्त (२)
टिका – कृकाटिका (२)
मणि बांध – मणिबंध (२)

Contributor- Medico Eshika Keshari

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